जिनपालोपाध्यायादि-सङ्कलित ; प्रथम संस्करण सम्पादक, पुरातत्त्वाचार्य मुनि जिनविजय ; संशोधक एवं पुनर्सम्पादक, साहित्यवाचस्पति महोपाध्याय विनयसागर . क्षमाकल्याणोपाध्यादि-सङ्कलित ; प्रथम संस्करण सम्पादक, पुरातत्त्वाचार्य मुनि जिनविजय ; संशोधक एवं पुनर्सम्पादक, साहित्यवाचस्पति महोपाध्याय विनयसागरप्राकृत भारती अकादमी2000
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