タイトルよみमहा महा उपाध्याय श्री भट्टोजि दीक्षित विरचिता वैयाकरण सिद्धान्त कौमुदी व्याख्यान भूता प्रौढ मनोरमा : महा महा उपाध्याय श्री हरि दीक्षित विरचितो बृहद् शब्द रत्नः : महा महा उपाध्याय श्री नागेश भट्टेन स्वयं विरचय्य आत्मगुरोर् हरि दीक्षितस्य नाम्ना प्रकाशम् आनीतो लघु शब्द रत्नः इति टीका द्वय अलङ्कृता
並列タイトル等Prauḍhamanoramā of Śrī Bhaṭṭoji Dīkshita together with Bṛihachchhabdaratna, an unpublished commentary of Śrī Hari Dīksita and Laghuśabdaratna of Śrī Nāgeśa Bhaṭṭa
महा महा उपाध्याय श्री भट्टोजि दीक्षित विरचिता वैयाकरण सिद्धान्त कौमुदी व्याख्यान भूता प्रौढ मनोरमा : महा महा उपाध्याय श्री हरि दीक्षित विरचितो बृहद् शब्द रत्नः : महा महा उपाध्याय श्री नागेश भट्टेन स्वयं विरचय्य आत्मगुरोर् हरि दीक्षितस्य नाम्ना प्रकाशम् आनीतो लघु शब्द रत्नः इति टीका द्वय अलङ्कृता
一般注記In Sanskrit, introductory matter in English
Added t.p. in English
Summary : Commentary, with supercommentary, on Siddhāntakaumudī, commentary on Pāṇini's Aṣṭādhyāyī, Sanskrit classical grammar
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関連情報हिन्दू-विश्वविद्यालयीय-नेपालराज्य-संस्कृत-ग्रन्थमाला
掲載誌हिन्दू-विश्वविद्यालयीय-नेपालराज्य-संस्कृत-ग्रन्थमाला
連携機関・データベース国立情報学研究所 : CiNii Research
NACSIS書誌ID(NCID)https://ci.nii.ac.jp/ncid/BA7822303X : BA7822303X