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सिंघी जैन ग्रन्थमाला

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सिंघी जैन ग्रन्थमाला

Material type
図書
Author
-
Publisher
भारतीय विद्या भवन
Publication date
-
Material Format
Paper
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NDC
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Note (General):

At head of title: Siṅghī Jainaśāstra ŚikṣāpīṭhaPublisher varies: अहमदाबाद ; कलकत्ता : सिंघी जैन ग्रन्थमालाPublisher varies: Śāntiniketana, Baṅgāla : S...

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Material Type
図書
Title Transcription
सिंघी जैन ग्रन्थ माला
Alternative Title
सिंघीजैनग्रन्थमाला
Siṅghī-Jaina-granthamālā
Singhi Jain series
Singhi Jaina series
Siṅghījainagranthamālā
Place of Publication (Country Code)
ii
Target Audience
一般
Note (General)
At head of title: Siṅghī Jainaśāstra Śikṣāpīṭha
Publisher varies: अहमदाबाद ; कलकत्ता : सिंघी जैन ग्रन्थमाला
Publisher varies: Śāntiniketana, Baṅgāla : Siṅghī Jaina Jñānapīṭha
Publisher varies: Śāntiniketan, Baṅgāl : Siṅghī Jaina Jñānapīṭha
Bambaī : Bhāratīya Vidyā Bhavana
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न्यायावतारवार्तिक-वृत्ति (न्यायावतारसूत्र-तद्वार्तिक-तदीयवृत्ति-समवेत-विस्तृतहिन्दीटिप्पण-अनेक परिशिष्ट-सुविस्तृत प्रस्तावना आदि बहुविषय समलंकृत)
मन्त्रराज रहस्यम्
सन्देशरासक : संस्कृत-टिप्पनक-अवचूरिकादिसमेत अपभ्रंश मूलग्रन्थ तथा आंग्लभाषानुवाद-विस्तृत प्रस्तावना-टिप्पणी-शब्दकोषादि समन्वित
मालवदेशाधिप-परमारनृपचूडामणि राजाधिराज भोजदेव विरचिता शृङ्गार मञ्जरी कथा
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मरहट्ठ-देसि-भासा-णिबद्धा लीलावई णाम दिव्वमाणुसी पाइय-कहा : सा च अज्ञातनामजैनविद्वद्विरचितसंस्कृतवृत्ति-आंग्लप्रस्तावना-पाठान्तर-शब्दसूची-टिप्पण्यादिभिः समलंकृता
Literary circle of Mahāmātya Vastupāla and its contribution to Sanskrit literature
कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्यविरचिता स्वोपज्ञवृत्ति-सहिता प्रमाण मीमांसा : पण्डितसुखलालनिर्मितभाषाटिप्पणादिसहिता
कौमुदीमित्राणन्दरूपकम्
Divyadr̥ṣṭikavi-Dhāhilaviracita Paumasiricariu : Apabhraṃśabhāṣāgumphita : Gūrjarabhāṣāgrathita vistr̥ta prastāvanā-granthasāra-ṭippaṇa-śabdakośādisamanvita
रिष्टसमुच्चय : प्राकृतमूल-संस्कृतच्छाया-आंग्लभाषानुवाद-विस्तृत प्रस्तावना-टिप्पणी-शब्दकोषादि समन्वित
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विविध तीर्थकल्प : भिन्न भिन्न पाठभेद और विशेषनामानुक्रम समन्वित मूल ग्रन्थ; सरल और सारगर्भित हिन्दी भाषान्तर; ऐतिहासिक और भौगोलिक वस्तु विवेचक अनेकानेक टिप्पनियों द्वारा सुविवेचित; तथा सुविस्तृत प्रस्तावना समलङ्कृत
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श्रीमेरुतुङ्गाचार्यविरचित प्रबन्धचिन्तामणि : विविधपाठान्तरयुक्त मूलग्रन्थ; तत्सम्बद्ध अनेक पुरातनप्रबन्ध; शिलालेख, ताम्रपत्र, ग्रन्थप्रशस्ति, तथा ग्रन्थान्तरस्थ विविधप्रमाण; हिन्दीभाषान्तर; तत्कालीन ऐतिहासिक, भौगोलिक, राजकीय, सामाजिक, धार्मिक आदि परिस्थिति विवेचक विस्तृत प्रस्तावना-इत्यादि बहुविधविषयसमन्वित
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भिन्नभिन्न-विद्वत्कर्तृक परमार्हतबिरुदालङ्कृत-गूर्जरचौलुक्यचक्रवर्ति-नृपति कुमारपाल चरित्रसंग्रह
शतकत्रयादि-सुभाषितसंग्रहः : भर्तृहरिप्रणीतत्वेन नीति-शृङ्गार-वैराग्यादिनाम्ना समाख्यातानां सुभाषितानां सुपरिष्कृतसंग्रहः :सुविस्तृतपरिचयात्मिक्याङ्ग्लप्रस्तावना-विविधपाठान्तर-परिशिष्ठादिसमन्वितः आचार्यश्रीजिनविजयालेखिताग्रवचनालंकृतश्च
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कुवलयमाला : प्राकृतभाषानिबद्ध चम्पूस्वरूपा महाकथा
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अर्थशास्त्र-अपरनाम-राजसिद्द्धान्त [i.e. राजसिद्धान्त] : मुग्धविलासाङ्क आचार्य योग्घमविरचित नीतिनिर्णीतिनाम्नी व्याख्या समन्वित तथा बहुविध प्राचीन टिप्पनकसंयुक्त : कतिपय त्रुटित अंशमात्र
नीति-शृङ्गार-वैराग्य नामक भर्तृहरि-शतक-त्रयम् : जैनविद्वद्वर्य्य-पं॰ धनसारगणिकृत-प्राचीनतम-व्याख्यासमन्वितम्
Pūrvācārya viracita Praśnavyākaraṇākhya, Jayapāyaḍa nimittaśāstra : Saṃskr̥tavyākhyopeta mūla Prākr̥ta grantha
मूलसर्वास्तिवादीय विनयसूत्र
पुरातन प्रबन्ध संग्रह : प्रबन्धचिन्तामणिग्रन्थसम्बद्ध : प्रबन्धचिन्तामणिग्रन्थगत प्रबन्धोंके साथ सम्बन्ध और समानता रखनेवाले अनेकानेक पुरातन प्रबन्धोंका विशिष्ट संग्रह : मूल पाठ, विशेषनामानुक्रम-पद्यानुक्रमणिकादियुक्त
उक्तिव्यक्तिप्रकरण : पुरातन कोशलीभाषोद्धरण सम्बद्ध उक्तिविषयक प्रयोगप्रकाशात्मक विशिष्ट ग्रन्थकृति, अद्यावधि अविज्ञात एवं एकमात्रप्राप्त प्राचीनादर्शाधारेण प्रथमवार प्रकाशित
देवानन्दमहाकाव्य : टिप्पणी-आदि समलंकृत तथा ग्रन्थकार-परिचय, सरल हिंदी सारार्थ आदि समन्वित
पुरातनसमयलिखित जैनपुस्तकप्रशस्तिसंग्रह : पाटण, स्तंभतीर्थ, जेसलमेर आदि विविधस्थान संरक्षित जैन ज्ञानभण्डारोपलब्ध पुरातन पुस्तकस्थ प्रशस्ति एवं पुष्पिकालेख समुच्चय
पाठक श्री जयसोम विरचित मन्त्रिकर्मचन्द्र वंशावली प्रबन्ध : वाचनाचार्य-गुणविनयकृत-वृत्तिसहित
मुनिवर-गुणपाल-विरइयं जंबु चरियं : प्राकृतभाषानिबद्ध-जम्बूमुनि चरित
अकलंकग्रन्थत्रयम् : स्वोपज्ञविवृतिसहितं लघीयस्त्रयम्, न्यायविनिश्चयः, प्रमाणसंग्रहश्च : न्यायाचार्य पं० महेन्द्रकुमारशास्त्रिनिर्मितटिप्पणादिसहितम्
Ratnaprbha-sūri's [sic] Kuvalayamālā kathā : (a stylistic digest of the above in Sanskrit)
निर्गन्थनैमित्तिक-भद्रबाहुवचोऽनुसारिणी भद्रबाहुसंहिता : विस्तृत गुजराती प्रस्तावना, पाठभेद, परिशिष्टादि विविधवस्तुसमन्वित
खरतरगच्छबृहद्गुर्वावलि
षडावश्यकबालावबोधवृत्ति : चतुर्दशशतकगुजरातीभाषायाः विशेषाध्ययनम् एवं उपयुक्तशब्दसूचीसमन्वितम्
रघुविलासनाटकोद्धारः
धर्मोपदेशमाला-विवरण : प्राकृत भाषामय
अकलंकग्रन्थत्रयम् : स्वोपज्ञविवृतिसहितं लघीयस्त्रयम्, न्यायविनिश्चयः, प्रमाणसंग्रहश्च : न्यायाचार्य पं॰ महेन्द्रकुमारशास्त्रिनिर्मितटिप्पणादिसहितम्
Studies in Indian literary history
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रघुविलासनाटकम्
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भानुचन्द्रगणिचरित : आंग्लभाषालिखित सुविस्तृत प्रस्तावना-ग्रन्थसार-परिशिष्ट-अनुक्रमादि-विविधविषय समलंकृत
कोऊहल-विरइया मरहट्ठ-देसि-भासा-णिबद्धा लीलावई णाम दिव्वमाणुसी पाइय-कहा : सा च अज्ञातनामजैनविद्वद्विरचितसंसकृतवृत्ति-आंग्लप्रस्तावना-पाठान्तर-शब्दसूची-टिप्पण्यादिभिः समलंकृता
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