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Bibliographic Record
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- Material Type
- 図書
- Title
- Title Transcription
- सिंघी जैन ग्रन्थ माला
- Publication, Distribution, etc.
- Alternative Title
- सिंघीजैनग्रन्थमालाSiṅghī-Jaina-granthamālāSinghi Jain seriesSinghi Jaina seriesSiṅghījainagranthamālā
- Place of Publication (Country Code)
- ii
- Target Audience
- 一般
- Note (General)
- At head of title: Siṅghī Jainaśāstra ŚikṣāpīṭhaPublisher varies: अहमदाबाद ; कलकत्ता : सिंघी जैन ग्रन्थमालाPublisher varies: Śāntiniketana, Baṅgāla : Siṅghī Jaina JñānapīṭhaPublisher varies: Śāntiniketan, Baṅgāl : Siṅghī Jaina JñānapīṭhaBambaī : Bhāratīya Vidyā Bhavana
- Related Material
- धूर्ताख्यान : श्रीहरिभद्रसूरिविरचितप्राकृतधूर्ताख्यान, श्रीसंघतिलकाचार्यविरचितसंस्कृतधूर्ताख्यान, तथा पुरातनगुजरातीभाषानिबद्ध बालावबोधात्मक धूर्ताख्यान आदियुक्तन्यायावतारवार्तिक-वृत्ति (न्यायावतारसूत्र-तद्वार्तिक-तदीयवृत्ति-समवेत-विस्तृतहिन्दीटिप्पण-अनेक परिशिष्ट-सुविस्तृत प्रस्तावना आदि बहुविषय समलंकृत)मन्त्रराज रहस्यम्सन्देशरासक : संस्कृत-टिप्पनक-अवचूरिकादिसमेत अपभ्रंश मूलग्रन्थ तथा आंग्लभाषानुवाद-विस्तृत प्रस्तावना-टिप्पणी-शब्दकोषादि समन्वितमालवदेशाधिप-परमारनृपचूडामणि राजाधिराज भोजदेव विरचिता शृङ्गार मञ्जरी कथाजैन तर्क भाषा : तात्पर्यसंग्रहाख्यवृत्तिसहिताज्ञानबिन्दुप्रकरणम् : विस्तृतप्रस्तावना-टिप्पणादिसमन्वितम्अनेक-विद्वदालेखित-नानाप्रकार-रचनानिबद्ध विज्ञप्तिलेख संग्रह : मूल लेख संग्रहात्मकमरहट्ठ-देसि-भासा-णिबद्धा लीलावई णाम दिव्वमाणुसी पाइय-कहा : सा च अज्ञातनामजैनविद्वद्विरचितसंस्कृतवृत्ति-आंग्लप्रस्तावना-पाठान्तर-शब्दसूची-टिप्पण्यादिभिः समलंकृताLiterary circle of Mahāmātya Vastupāla and its contribution to Sanskrit literatureकलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्यविरचिता स्वोपज्ञवृत्ति-सहिता प्रमाण मीमांसा : पण्डितसुखलालनिर्मितभाषाटिप्पणादिसहिताकौमुदीमित्राणन्दरूपकम्Divyadr̥ṣṭikavi-Dhāhilaviracita Paumasiricariu : Apabhraṃśabhāṣāgumphita : Gūrjarabhāṣāgrathita vistr̥ta prastāvanā-granthasāra-ṭippaṇa-śabdakośādisamanvitaरिष्टसमुच्चय : प्राकृतमूल-संस्कृतच्छाया-आंग्लभाषानुवाद-विस्तृत प्रस्तावना-टिप्पणी-शब्दकोषादि समन्वितनाणपंचमीकहाओ = ज्ञानपञ्चमीकथाः : प्राकृतभाषामय : विस्तृत गुजराती प्रस्तावना पाठभेद परिशिष्टादि विविधवस्तुसमन्वितविविध तीर्थकल्प : भिन्न भिन्न पाठभेद और विशेषनामानुक्रम समन्वित मूल ग्रन्थ; सरल और सारगर्भित हिन्दी भाषान्तर; ऐतिहासिक और भौगोलिक वस्तु विवेचक अनेकानेक टिप्पनियों द्वारा सुविवेचित; तथा सुविस्तृत प्रस्तावना समलङ्कृतThe life of Hemacandrācāryaकाव्यप्रकाशखण्डन : महाकविमम्मटविरचित-काव्यप्रकाशग्रन्थगर्भित-कतिपयपदार्थालोचनात्मक-विशिष्ट कृति, एकमात्रप्राप्त-पुरातनादर्शनानुसार संशोधित एवं संपादितप्रभावक चरित : विविध पाठान्तर तथा परिशिष्ट-प्रस्तावनादि समलंकृतछन्दोऽनुशासन : विविध पाठभेद, प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्टादि समन्वितश्रीमेरुतुङ्गाचार्यविरचित प्रबन्धचिन्तामणि : विविधपाठान्तरयुक्त मूलग्रन्थ; तत्सम्बद्ध अनेक पुरातनप्रबन्ध; शिलालेख, ताम्रपत्र, ग्रन्थप्रशस्ति, तथा ग्रन्थान्तरस्थ विविधप्रमाण; हिन्दीभाषान्तर; तत्कालीन ऐतिहासिक, भौगोलिक, राजकीय, सामाजिक, धार्मिक आदि परिस्थिति विवेचक विस्तृत प्रस्तावना-इत्यादि बहुविधविषयसमन्वितनम्मयासुन्दरी कहा : प्राकृतभाषा-निबद्धा : देवचन्द्रसूरिकृत संक्षिप्त प्राकृत कथा, जिनप्रभसूरिकृत अपभ्रंशभाषामय नमयासुन्दरी सन्धि, तथा मेरुसुन्दरकृत गूर्जरभाषागद्यमय बालावबोधसमन्वितभिन्नभिन्न-विद्वत्कर्तृक परमार्हतबिरुदालङ्कृत-गूर्जरचौलुक्यचक्रवर्ति-नृपति कुमारपाल चरित्रसंग्रहशतकत्रयादि-सुभाषितसंग्रहः : भर्तृहरिप्रणीतत्वेन नीति-शृङ्गार-वैराग्यादिनाम्ना समाख्यातानां सुभाषितानां सुपरिष्कृतसंग्रहः :सुविस्तृतपरिचयात्मिक्याङ्ग्लप्रस्तावना-विविधपाठान्तर-परिशिष्ठादिसमन्वितः आचार्यश्रीजिनविजयालेखिताग्रवचनालंकृतश्चसुमतिसूरिकृत तथा अज्ञातविद्वत् कर्तृक प्राकृतभाषा ग्रथित जिनदत्ताख्यान द्वयशतकत्रयादि-सुभाषितसंग्रहः : महाकवि-भर्तृहरिप्रणीतत्वेन नीति-शृङ्गार-वैराग्यादिनाम्ना समाख्यातानां सुभाषितानां सुपरिष्कृतसंग्रहः : सुविस्तृतपरिचयात्मिक्याङ्ग्लप्रस्तावना-विविधपाठान्तर-परिशिष्ठादिसमन्वितः आचार्यश्रीजिनविजयालेखिताग्रवचनालंकृतश्चकुवलयमाला : प्राकृतभाषानिबद्ध चम्पूस्वरूपा महाकथाकथाकोषप्रकरण : प्राकृत भाषामय : स्वोपज्ञव्याख्या समवेत मूळ प्राकृत गाथाबद्ध तथा विविध कथानक संयुक्त; एवं सुविस्तृत हिन्दी प्रस्तावना, परिशिष्ट आदि समलंकृतअर्थशास्त्र-अपरनाम-राजसिद्द्धान्त [i.e. राजसिद्धान्त] : मुग्धविलासाङ्क आचार्य योग्घमविरचित नीतिनिर्णीतिनाम्नी व्याख्या समन्वित तथा बहुविध प्राचीन टिप्पनकसंयुक्त : कतिपय त्रुटित अंशमात्रनीति-शृङ्गार-वैराग्य नामक भर्तृहरि-शतक-त्रयम् : जैनविद्वद्वर्य्य-पं॰ धनसारगणिकृत-प्राचीनतम-व्याख्यासमन्वितम्Pūrvācārya viracita Praśnavyākaraṇākhya, Jayapāyaḍa nimittaśāstra : Saṃskr̥tavyākhyopeta mūla Prākr̥ta granthaमूलसर्वास्तिवादीय विनयसूत्रपुरातन प्रबन्ध संग्रह : प्रबन्धचिन्तामणिग्रन्थसम्बद्ध : प्रबन्धचिन्तामणिग्रन्थगत प्रबन्धोंके साथ सम्बन्ध और समानता रखनेवाले अनेकानेक पुरातन प्रबन्धोंका विशिष्ट संग्रह : मूल पाठ, विशेषनामानुक्रम-पद्यानुक्रमणिकादियुक्तउक्तिव्यक्तिप्रकरण : पुरातन कोशलीभाषोद्धरण सम्बद्ध उक्तिविषयक प्रयोगप्रकाशात्मक विशिष्ट ग्रन्थकृति, अद्यावधि अविज्ञात एवं एकमात्रप्राप्त प्राचीनादर्शाधारेण प्रथमवार प्रकाशितदेवानन्दमहाकाव्य : टिप्पणी-आदि समलंकृत तथा ग्रन्थकार-परिचय, सरल हिंदी सारार्थ आदि समन्वितपुरातनसमयलिखित जैनपुस्तकप्रशस्तिसंग्रह : पाटण, स्तंभतीर्थ, जेसलमेर आदि विविधस्थान संरक्षित जैन ज्ञानभण्डारोपलब्ध पुरातन पुस्तकस्थ प्रशस्ति एवं पुष्पिकालेख समुच्चयपाठक श्री जयसोम विरचित मन्त्रिकर्मचन्द्र वंशावली प्रबन्ध : वाचनाचार्य-गुणविनयकृत-वृत्तिसहितमुनिवर-गुणपाल-विरइयं जंबु चरियं : प्राकृतभाषानिबद्ध-जम्बूमुनि चरितअकलंकग्रन्थत्रयम् : स्वोपज्ञविवृतिसहितं लघीयस्त्रयम्, न्यायविनिश्चयः, प्रमाणसंग्रहश्च : न्यायाचार्य पं० महेन्द्रकुमारशास्त्रिनिर्मितटिप्पणादिसहितम्Ratnaprbha-sūri's [sic] Kuvalayamālā kathā : (a stylistic digest of the above in Sanskrit)निर्गन्थनैमित्तिक-भद्रबाहुवचोऽनुसारिणी भद्रबाहुसंहिता : विस्तृत गुजराती प्रस्तावना, पाठभेद, परिशिष्टादि विविधवस्तुसमन्वितखरतरगच्छबृहद्गुर्वावलिषडावश्यकबालावबोधवृत्ति : चतुर्दशशतकगुजरातीभाषायाः विशेषाध्ययनम् एवं उपयुक्तशब्दसूचीसमन्वितम्रघुविलासनाटकोद्धारःधर्मोपदेशमाला-विवरण : प्राकृत भाषामयअकलंकग्रन्थत्रयम् : स्वोपज्ञविवृतिसहितं लघीयस्त्रयम्, न्यायविनिश्चयः, प्रमाणसंग्रहश्च : न्यायाचार्य पं॰ महेन्द्रकुमारशास्त्रिनिर्मितटिप्पणादिसहितम्Studies in Indian literary historyStudies in Indian literary historyरघुविलासनाटकम्दिग्विजयमहाकाव्य : मूल-संस्कृत ग्रन्थ तथा ग्रन्थकारकृतटिप्पणी, प्रस्तावना, विशेषनामसूच्यादि समन्वितपउमचरिउ : अपभ्रंशभाषाग्रथित पौराणिक महाकाव्य : विविध पाठभेद, विस्तृत प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्टादि समन्वित"संघपतिचरित" अपरनामक धर्माभ्युदय महाकाव्यसुकृतकीर्तिकल्लोलिन्यादि वस्तुपालप्रशस्तिसंग्रहकीर्तिकौमुदी . सुकृतसंकीर्तनŚrī Harisheṇācārya kṛta Br̥hat kathākośaभानुचन्द्रगणिचरित : आंग्लभाषालिखित सुविस्तृत प्रस्तावना-ग्रन्थसार-परिशिष्ट-अनुक्रमादि-विविधविषय समलंकृतकोऊहल-विरइया मरहट्ठ-देसि-भासा-णिबद्धा लीलावई णाम दिव्वमाणुसी पाइय-कहा : सा च अज्ञातनामजैनविद्वद्विरचितसंसकृतवृत्ति-आंग्लप्रस्तावना-पाठान्तर-शब्दसूची-टिप्पण्यादिभिः समलंकृताकुवलयमाला-कथा-संक्षेप : दाक्षिण्यचिह्नाङ्क श्रीमदुद्द्योतनसूरिग्रथित प्राकृतभाषामय कुवलयमाला महाकथा वस्तुसारस्वरूपश्रीराजशेखरसूरिकृत प्रबन्धकोशपूर्वाचार्य विरचित प्रश्नव्याकरणाख्य जयपायड निमित्तशास्त्र : प्रथमावृत्ति-संस्कृतव्याख्योपेत मूल प्राकृत ग्रन्थ
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