रत्नाकरशान्तिपादप्रणीतः ; संस्कृत-मूल, तिब्बती लिप्यन्तर लक्षणों का समीक्षात्मक सम्पादन तथा हिन्दी अनुवाद, स्वोपज्ञवृत्ति का पुनरुद्धार एवं हिन्दी अनुवाद, पुनरुद्धारक, अनुवादक एवं सम्पादक, लोसङ् नोरबु शास्त्रीकेन्द्रीय उच्च तिब्बती-शिक्षा-संस्थान1990